Shamli (समाचार टाउन डेस्क)-
खबर जनपद संभल से है जहां मुठभेड़ में घायल एसटीएफ इंस्पेक्टर की इलाज के दौरान गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मौत हो गई। सोमवार को एसटीएफ व मुकीम काला और कग्गा गैंग के बीच मुठभेड़ हुई थी। आपको बतो दें कि इंस्पेक्टर के पेट में चार गोलिया लगी थी।
हाइलाइट्स-
-घायल एसटीएफ इंस्पेक्टर की इलाज के दौरान मौत
-गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस
-36 घंटे इंस्पेक्टर ने लड़ी जिंदगी मौत का लडाई
-मुठभेड़ के दौरान इंस्पेक्टर के पेट में लगी थी गोली
-मुठभेड़ में एसटीएफ ने मार गिराए थे चार बदमाश
क्या है पूरा मामला
सोमवार को यूपी एसटीएफ की मुकीम काला व कग्गा गैंग के बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई थी। मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ ने एक लाख की इनामी अरशद व उसके तीन और साथी सतीश, मनजीत और मनवीर को ढेर कर दिया था। आपको बता दें कि मुठभेड़ के दौरान ही एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार के पेट में चार गोलियां लग गई थी। जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को ऑपरेशन के बाद गोलियों को निकाल दिया गया था। वह डॉक्टरों की निगरानी में थे। लेकिन 36 घंटे जिंदगी व मौत की लड़ाई में इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मृतक इंस्पेक्टर सुनील कुमार का फाइल फोटो
मेरठ के रहने वाले थे इंस्पेक्टर
आपको बता दे कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार मेरठ के इचौली क्षेत्र के गांव मसूरी के रहने वाले थे। उनके माता-पिता का बहुत पहले ही निधन हो चुका था। उनका बड़ा भाई अनिल कुमार काकराना गांव में खेती करता है। परिवार में पत्नी मुनेश, बेटा मनजीत उर्फ मोनू और बेटी नेहा है। दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है। मौत की सूचना पर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
पुलिस ने दी जानकारी
एसपी शामली रामसेवक गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि इलाज के दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार की मौत हो गई। मौत की सूचना के बाद एक टीम को गुरुग्राम भेज दिया गया है। गुरुग्राम में पोस्टमार्टम होने के बाद उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। वहीं उन्होंने जानकारी दी कि इंस्पेक्टर सुनील कुमार 1 सितंबर 1990 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वहीं इंस्पेक्टर का 2030 में रिटायरमेंट था।