Gazipur (समाचार टाउन डेस्क)–
खबर जनपद गाजीपुर से है जहां काशीदास पूजन के दौरान मंडप लगाते समय सात लोगों को करंट लग गया। हादसे में सिपाही व उसके भाई समेत चार लोगों की मौत हो गई। जबकि तीन लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
हाइलाइट्स–
–काशीदास पूजन के दौरान करंट लगने से सिपाही व उसके भाई समेत चार लोगों की मौत
–मंडप लगाते समय गीला बांस हाई टेंशन लाइन में छूने से हुआ दर्दनाक हादसा
–सीएम योगी ने लिया हादसे को संज्ञान में ऊर्जा मंत्री को दिए जांच के आदेश
–जनपद गाजीपुर के मरदह थाना क्षेत्र के गांव नरवर का है मामला
क्या है पूरा मामला
बुधवार की सुबह लगभग 7:30 बजे जनपद गाजीपुर के मरदह थाना क्षेत्र के गांव नरवर में काशीदास पूजन के दौरान मंडप लगाया जा रहा था। मंडप लगाने के दौरान गीला बांस मंडप से के ऊपर से गुजर रही 4 लाख बोल्ट की हाइटेंशन लाइन से छू गया। आपको बता दे कि बांस को लगभग 10 लोग पकड़े हुए थे। हाई टेंशन लाइन से बांस छूने से 7 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। वहां मौजूद लोगों ने गंभीर रूप से घायल सभी को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर ने चार लोगों को मृत घोषित कर दिया। जबकि अन्य तीन गंभीर रूप से घायल लोगों का इलाज अस्पताल में जारी है। इधर मौत की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया लोगों ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे को संज्ञान में लेते हुए अफसर को तुरंत मौके पर पहुंचने को कहा है और साथी घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की निर्देश दिए। वहीं उन्होंने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को हादसे की जांच करने के आदेश दिए।
मृतकों की हुई पहचान
आपको बता दे कि हादसे में 35 वर्षीय छोटे लाल यादव, 29 वर्षीय रविंद्र यादव, उसका भाई 23 वर्षीय गोरख यादव व 19 वर्षीय अमन यादव की मौत हो गई। लोगों का कहना है कि रविंद्र उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात था। उसकी पोस्टिंग जनपद अंबेडकरनगर के टांडा पुलिस चौकी में थी। रविंद्र की डेढ़ साल पहले शादी हुई थी। उसकी एक 6 माह की बेटी है। वहीं हादसे में रविंद्र के छोटा भाई गोरख यादव की भी मौत हो गई।
उप जिलाधिकारी ने दी जानकारी
आपको बता दे कि हादसे की सूचना पर उप जिलाधिकारी सदर मनोज पाठक मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। इस दौरान उन्होंने बताया कि इतने बड़े आयोजन में हाइट टेंशन लाइन के बीच हरा बांस और पंडाल लगाना हादसे का कारण बना। आयोजन को लेकर प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। वहीं उन्होंने कहा कि मृतकों के परिवार से संपर्क किया जा रहा है। अगर उनके नाम से जमीन होगी तो उत्तर प्रदेश दुर्घटना बीमा योजना के तहत मुआवजा दिलाया जाएगा।