Farrukhabad (समाचार टाउन डेस्क)–
खबर जनपद फर्रुखाबाद से है जहां सरकारी अस्पताल में पत्नी का इलाज कराने आए पति को वहां मौजूद फार्मासिस्ट ने बाहर मेडिकल से दवा लाने के लिए पर्चा लिख दिया। पैसे ना होने पर मजबूर होकर पति ने मोबाइल गिरवी रख पत्नी के लिए दवाइयां खरीदी।
हाइलाइट्स-
-सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट लिख रहे बाहर की दवाइयां
-डॉक्टर की मौजूदगी में फार्मासिस्ट लिख रहे हैं दवाइयां
-पत्नी की दवाई के लिए युवक ने रखा मोबाइल गिरवी
-पैसे ना होने पर रखा मोबाइल गिरवी- पीड़ित
-फर्रुखाबाद के कायमगंज सीएचसी का मामला
फार्मासिस्ट लिख रहे बाहर की दवाई
अगर आप जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज सरकारी अस्पताल में इलाज करने के लिए जाते हैं तो यह खबर आपके लिए है क्योंकि सरकारी अस्पताल में मानवीय संवेदनाओं से परे डॉक्टर व फार्मासिस्ट गरीबों का इलाज करते हैं। ताजा मामला 26 जनवरी का है। जहां नगर के मोहल्ला चिलांका निवासी नाजिम की 30 वर्षीय पत्नी शाबिया की घर पर अचानक हालत बिगड़ गई। परिजन घबरा गए और उसे सरकारी अस्पताल लेकर आए। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की मौजूदगी में फार्मासिस्ट ने पति नाजिम को बाहर से दवाई लाने के लिए पर्चा थमा दिया।
मोबाइल गिरवी रख कर पति लाया दवा
नाजिम ने जानकारी देते हुए बताया कि फार्मासिस्ट ने उसे बाहर मेडिकल से दवाई लाने के लिए उसके हाथ में पर्चा थमा दिया। जब वह मेडिकल पर पहुंचा तो दवाई की कीमत 600 रुपए बताई गई। नाजिम ने अपना मोबाइल गिरवी रखकर दवाइयों को खरीदा। जब उससे पूछा गया की क्या सुविधा मिली है तुम्हें सरकारी अस्पताल से? तो बेचारा दबे स्वर में बोला साहब सरकारी अस्पताल से मुझे कोई सुविधा नहीं मिली है वहीं उसने बताया कि वह गैस एजेंसी पर होकर का काम करता है।
कमीशन खोरी के चलते लिखी जा रही दवाइयां
आपको बता दे की सरकारी अस्पताल के आसपास क्षेत्र में जितने भी मेडिकल स्टोर है उनमें से ज्यादातर मेडिकल डॉक्टर को दवा लिखने पर कमीशन के रूप में मोटी रकम देते हैं। वहीं आए दिन आप सरकारी अस्पताल में निजी कंपनियों के एमआरओ को देख सकते हैं। जो कि डॉक्टर को दवाइयां लिखने पर डॉक्टरों को महंगे महंगे गिफ्ट व उनके द्वारा बताए गए मेडिकल पर पर्चा भेजने पर कमीशन तय करते हैं।