Mainpuri (समाचार टाउन डेस्क)-
खबर जनपद मैनपुरी से है जहां उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित दिहुली नरसंहार मामले में कोर्ट ने तीन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। आपको बता दे कि दिहुली नरसंहार में 24 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सजा सुनते ही तीनों दोषी फूट-फूट कर रोने लगे।
हाइलाइट्स-
-दिहुली नरसंहार मामले में तीन को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
-दलित समुदाय के 24 लोगों की गोली मारकर की गई थी निर्मम हत्या
-17 आरोपियों में से 13 आरोपियों की पहले ही हो चुकी है मौत
-44 साल बाद आए कोर्ट के फैसले के बाद ग्रामीणों ने की खुशी जाहिर
कोर्ट ने सुनाया तीन को फांसी की सजा
जनपद मैनपुरी की डकैती कोर्ट ने 44 साल पहले हुए जनपद फिरोजाबाद के दिहुली नरसंहार मामले में तीन दोषी रामसेवक, कप्तान सिंह व रामपाल को फांसी की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि कोर्ट की जज इंदिरा सिंह ने तीनों दोषियों को सजा सुनाई। सजा सुनते ही तीनों दोषी फूट-फूट कर रोने लगे। वहीं 44 साल बाद आए कोर्ट के फैसले पर ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की।
क्या है पूरा मामला
18 नवंबर सन् 1981 को जनपद फिरोजाबाद के थाना जसराना स्थित गांव दिहुली में जाति आधारित हिंसा भड़क गई। हिंसा में 24 दलित समुदाय के लोगों को गोली मार दी गई थी। आपको बता दे कि इस नरसंहार में 23 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि एक की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस नरसंहार से पूरा उत्तर प्रदेश कांप गया था। वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने गांव पहुंचकर निरीक्षण किया था और लोगों से वादा किया था कि उनको न्याय जरूर मिलेगा।
17 में से 13 आरोपियों की हो चुकी है मौत
आपको बता दे कि नरसंहार मामले में थाना जसराना निवासी राधेश्याम उर्फ राधे, संतोष चौहान, संतोष, रामसेवक, रविंद्र सिंह, रामपाल सिंह, वेदराम, मिट्ठू, भूपराम, मानिक चंद्र, लटूरी राम सिंह, चुन्नीलाल, होरीलाल, सोनपाल, लाया सिंह, बनवारी, जगदीश, रेवती देवी, फूल देवी, कप्तान सिंह, कमरुद्दीन, श्यामवीर कुमार पाल व लक्ष्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जिनमें से 13 आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है। मंगलवार को कोर्ट ने रामसेवक, कप्तान सिंह व बलराम पाल को फांसी की सजा सुनाई है।