Farrukhabad (समाचार टाउन डेस्क):
खबर जनपद फर्रुखाबाद से है जहां किसानों पर व्यापारियों के बीच उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार के बीच दोबारा मीटिंग कराई गई। लेकिन व्यापारी व किसान अपनी अपनी मांगो पर अड़े रहे जिसकी वजह से कोई समाधान नहीं निकल पाया। इस दौरान किसानों व व्यापारियों की तरफ से उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
हाइलाइट्स-
-एसडीएम ने कराई व्यापरियों व किसानों के बीच
-मीटिंग के दौरान दोनों पक्ष अड़े अपनी अपनी मांगो पर
-मीटिंग में नही निकला कोई समाधान, प्रसाशन निकालेगा हल
-किसानों व व्यापरियों ने सौंपा उपजिलाधिरी को ज्ञापन
क्या है पूरा मामला
जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज स्थित मण्डी समिमि में व्यापार संगठन के तीनों संगठनों कई मामलों को लेकर मंडी समिति के बाहर गेट पर हडताल पर बैठ गए। धरने पर बैठे व्यापारियों ने किसानों को मण्डी के अंदर जाने नहीं दिया जिसके परिणाम स्वरूप सब्जी बेचने आए किसानों को सड़क के किनारे बैठकर अपना माल बेचना पड़ा। धरने की सूचना पर एसडीएम रवीन्द्र सिंह को मिली एसडीएम मौके पर पहुंचे। जहां उन्होने तहसील सभागार में एक बार फिर से व्यापरियों वन किसानों के बीच मीटिंग बुलाई। व्यापारियों व किसानों के बीच तहसील सभागर में काफी देर तक मीटिंग चली। लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।
व्यापारियों ने सौंपा एसडीएम को ज्ञापन
व्यापार संगठन के नेता उमेश गुप्ता, संजय गुप्ता, आदेश अग्निहोत्री, मनोज कौशल, रजनेश यादव, वीरेंद्र यादव व वीरेंद्र तिवारी ने गल्ला तथा फल सब्जी आढतियों की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए सौंप गए ज्ञापन में कहा है कि दुकानदारों के पास जो भी माल आता है उसे मंडी कर्मचारी व्यापारी के प्रतिष्ठान पर जाकर रजिस्टर में दर्ज करें। साथ ही संबंधित व्यापारी के हस्ताक्षर भी कराएं। उनका कहना है कि व्यापारी के यहां जो माल दर्ज होगा उस पर व्यापारी के हस्ताक्षर होंगे उसका मंडी शुल्क यूजर चार्ज देने की जिम्मेदारी व्यापारी ही उठाने को तत्पर रहेगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि फुटकर माल ले जाने वाले को आए दिन अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है ऐसा नहीं होना चाहिए। व्यापारियों ने कहा कि जरूरतमंद सभी व्यापारी भाइयों को उनकी दुकानों पर बिजली कनेक्शन दिया जाए। इस कार्य के लिए हर दुकान पर सब मीटर लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। वहीं व्यापारियों ने जोर देकर कहा कि नियमानुसार मंडी समिति में व्यापारियों की जांच संबंधित विभाग के स्टाफ द्वारा ही कराई जानी चाहिए ना की राजस्व कर्मियों द्वारा – इसी के साथ बैठक के दौरान व्यापारियों ने कहा था कि टीन सैट में वे लोग वही माल रखते हैं जो किसानों द्वारा लाया जाता है और उसके बिक्री तथा उठान की व्यवस्था न होने तक सुरक्षा की दृष्टि से टीन सेटों में रखते हैं। यह बात व्यापारियों ने संभवतः इसीलिए भी कही होगी क्योंकि पहली बैठक में टीन सेट खाली करने को लेकर मीटिंग में कोई समाधान नहीं हो सका था । इस मुद्दे को लेकर दोनों के बीच काफी गरमा गरम बहस के साथ विवाद होने पर ही मीटिंग स्थित करनी पड़ी ।
किसान नेताओं ने भी ज्ञापन सौंप की समाधान की मांग
एसडीएम की मध्यस्थता में कोई हल न निकलने पर व्यापारियों के साथ ही किसान संगठन जय जवान जय किसान लोक शक्ति संगठन तथा अन्य किसान संगठनों ने उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर कहा कि मंडी परिसर में बने किसानों के लिए नीलामी चबूतरों को तत्काल खाली कराया जाए। उनका कहना है कि इस बारे में बे इससे पूर्व भी अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंप चुके हैं ।लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मंडी परिसर में बने जलपान गृह में व्यापारियों द्वारा लहसुन का भंडारण किया हुआ है। जिसको मंडी के सभी अधिकारी देखकर भी अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रहे हैं। इसीलिए आज तक यह स्थान खाली नहीं हुआ। सौंपे ज्ञापन में किसान नेताओं ने कहा है कि यदि टीन सेट खाली नहीं हुए तो किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे और इसका पूरा उत्तरदायित्व मंडी सचिव का ही होगा। किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज 4 दिसंबर को सब्जी लेकर आए किसानों को व्यापारियों ने मंडी समिति के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। जिससे उनका माल सही ढंग से ना बिकने के कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रश्न वाचक लहजे में कहा कि आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसानों का नुकसान करने वालों को चिन्हित कर उनके साथ सख्त एवं आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। किसानों का कहना है कि यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो किसान आंदोलन होगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन अवसर पर किसान नेता कमलेश राजपूत, विवेक पांडे, राम प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सहित अन्य किसान संगठनों के पदाधिकारी तथा सदस्य गण मौजूद रहे ।
प्रसाशन निकालेगा हल
मंडी समिति की विभिन्न समस्याओं लाइसेंस नवीनीकरण बकाया वसूली तथा मंडी शुल्क वसूली के साथ ही परिसर में स्थित नीलामी चबूतरे एवं टीन सैट के उपयोग तथा खाली करने जैसे मामलों को लेकर व्यापारियों ने हड़ताल कर दी थी। सब्जी विक्रेता किसानों को मंडी समिति गेट पर ही रोक लिया गया। किसानों द्वारा सड़क के किनारे बैठकर औने पौने दामों में अपनी सब्जी बेचनी पड़ी । अफरा तफरी के बीच जाम लगा रहा। यातायात प्रभावित हुआ मंडी समिति पहुंचकर एसडीएम ने दोनों पक्षों से बैठक में वार्ता के जरिए हल निकालने का प्रयास किया । लेकिन कोई नतीजा हासिल न होने पर फिर एक बार आज ही तहसील सभागार में व्यापारियों तथा किसान नेताओं को आमने-सामने बैठाकर वार्ता कराई गई। वार्ता के दौरान जलपान गृह में लहसुन भरे होने – नीलामी चबूतरों तथा टीन सेटों को खाली करने जैसे मुद्दों पर व्यापारी संगठनों तथा किसान नेताओं के बीच काफी गरमा गरम बहस के साथ ही तीखी नोकझोंक होती रही । व्यापारी टीन सेटों के उपयोग करने की दलीलें देते रहे । वहीं उनकी दलीलों को सिरे से नकारते हुए किसान नेताओं ने टीन सेट तथा नीलामी चबूतरों को खाली करने पर जोर देते रहे। काफी देर चली बैठक के बाद भी कोई नतीजा न निकलने पर व्यापारी संगठनों तथा किसान संगठनों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंप कर समस्या समाधान की मांग की। ऐसी स्थिति में अब गेंद प्रशासन के पाले में फेंकी गई है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस संबंध में क्या निर्णय लेता है और लिए गए निर्णय के अनुसार उसका क्रियान्वयन कब और कैसे कराएगा?