आप भी हो सकते है डिजिटल अरेस्ट…. डिजिटल अरेस्ट होने से बचने के लिए पढ़िए पूरी खबर…..
Agra:
खबर आगरा से है जहां आरोपियों ने महिला शिक्षक को डिजिटल अरेस्ट कर लिया। जिसके चलते महिला की मौक पर ही मौत ही गई…..
विस्तार से समझते है डिजिटल अरेस्ट के बारे में
डिजिटल अरेस्ट एक तरह का साइबर क्राइम है जिसमें आरोपी आपको कॉल करके गलतफहमी का शिकार बनाते है और आपको धमकाते है डराते है और आप से मोटी रकम वसूलते है। साइबर क्राइम का शिकार बनाने को डिजिटल अरेस्ट कहते है।
क्या है पूरा मामला……आइए जानते है।
आगरा के थाना जगदीशपुरा के सुभाष नगर अलबतिया निवासी मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में शिक्षिका पद तैनात थीं। 30 सितंबर के दिन जब वह स्कूल में थीं। उसी समय उनके मोबाइल पर एक वॉट्सऐप कॉल आई। कॉल करने वाले ने महिला शिक्षक को बताया कि आपकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ी गई है। उसका कहना था कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। बदनामी से बचना चाहती हो तो एक लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दो। बेटी के रेक्स रेकेट में पकडे जाने की सूचना पर शिक्षिका अवाक रह गई। शिक्षिका घर पहुंची जहां बदनामी के डर से शिक्षिका सदमें आ गई। उसी वक्त उसे दिल को दौरा पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक मालती वर्मा
डिजिटल अरेस्ट से पहली बार हुई है किसी की मौत
जनपद आगरा का यह पहला मामला है जब डिजिटल अरेस्ट के चलते किसी की मौत हुई हो। डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से आरोपित कई बार ऑन लाइन ठगी कर चुंके है। जिसके कई मामले पहले भी सामने आ चुके है।
कॉल आने पर क्या करें
डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के लोग आपको धमकाएंगे, डराएंगे और आप से पैसे की मांग करेंगे। धबरा नहीं तुरंत फोन को काट दे। काल करने वाले को न ही पैसा दे नहीं एकाउंट की डिटेल दे। आपको जनना जरूरी है कि पुलिस किसी भी तरह से आप से पैसे की मांग नही कर सकती है।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए क्या करें।
अगर आपको या आपके जानने वालो को इस तरह की कोई कॉल आती है तो वह घबराए नहीं समझादरी से काम ले। तुरंत साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल करें या फिर www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं। यदि आपके घर या आसपास में थाना या कोतवाली है तो तुरंत वहां पहुंचकर इसकी सूचना सबंधित अधिकारी को दें। आपकी सतर्कता ही आपका वचाव है।