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24 Apr 2025, Thu

Farrukhabad: ताइवानी अमरुद बदल रहा बागबानों की किस्मत, कैसे जानने के लिए पढिए पूरी रिपोर्ट….

Farrukhabad, Kaimganj:

जनपद फर्रुखाबाद के कायमगंज क्षेत्र के निवासी सुनील कुमार यादव बागबानों के लिए एक मिशाल बनकर सामने आए है। सुनील के प्रयास से अब बागबान अमरुद की अलग बैराइटी उगा रहे। इस बैराइटी के अमरुद सुगर व मोटापे के ग्रसित लोगों के लिए लाभदायक है।  

कैसे विलुप्त हुए अमरुद के बाग
एक समय कायमगंज क्षेत्र के अमरुद की फसल बड़े पैमाने पर होती थी। यह क्षेत्र फल पट्टी बरझाला से घमघमा के अलावा कंपिल के रुदायन, कटिया, निजामुद्दीनपुर, रायपुर आदि में फैला हुआ था। यहां देसी अमरुद के बाग धीरे धीरे विलुप्त होते चले गए। सबसे ज्यादा पेड़ो को नुकसान कंपिल क्षेत्र में हुआ बागवान अंसार व बाबूराम का कहना है कि 2015 में इसका अस्तित्व ही समाप्त हो गया। उनका कहना है कि इन पेड़ो की जड़ों में सफेद कीट लग गया। उसका मुह काला होता है उसने पेड़ों को खोखला कर दिया और बाग के बाग चट कर गया। ऐसे में यहां अमरुद के बाग प्राय: विलुप्त होते चले गए। लोगों की भारी नुकसान हुआ। नुकसान की वजह से लोगों ने दूसरे कार्य कर लिए। 2015 से 2020 तक अमरुद की फसल पर यहां संकट छाया रहा।

पिंक ताइवानी अमरुद से बागबानों को फायद
धीरे धीरे इंटरनेट के इस युग में किसान जागरुक हुआ और वुद्दिमत्ता और वैज्ञानिक ज्ञान से फिर अमरुद का बाग लगाने की मुहीम चालू की। उसने सबसे पहले उस बैराइटी को चुना जो अमरुद की फसल को लाभप्रद बना सकती थी। यह मिसाल क्षेत्र के गांव शम्भू नगला निवासी सुनील कुमार ने सोलह बीधा में अमरुद का फसल तैयार की। जिसमें बैराइटी सुगर फ्री अमरुद को चुना। बागबान का कहना है कि इसको पिंक ताइवानी अमरुद भी कहते है। यह अन्दर से गुलाबी होता है। इसका स्वाद देसी अमरुद से हटकर है। उनका कहना है कि अमरुद की फसल एक वर्ष में दो बार तैयार होती है। जैसे ही इस बागबान ने यह सुगर फ्री अमरुद का बाग लगाया तो आठ साल पहले कीड़े से चट हुए अमरुद के बाग मालिकों को एक बार फिर अम्मीद जागी। उसका कहना है कि उसके क्षेत्र के कई लोगों ने सम्पर्क किया औऱ बैराइटी के बारे में जानकारी ली। इससे यह हुआ कि अब लोगों ने बागों में पिंक ताइबान की पौध शुरु कर दी है। बागबान बेहद खुश है। उनका कहना है कि मुनाफा भी हो रहा है। यह अमरुद लोकल मण्डी के अलावा आगरा, दिल्ली, जयपुर आदि जगहों पर जाता है। इसका वजन पांच सौ से सात सौ ग्राम के ऊपर तक रहता है।

सुनील कुमार लोगों को कर रहे जागरुक
शम्भू नगला के बागबान सुनील कुमार अपने क्षेत्र में दूसरे बागबानों के लिए भी प्रेरणाश्रौत हैं। किसान अपने बागों में हर रोज नई समस्या से परेशान रहते है। इस वैज्ञानिक युग में अब किसान नए नए आयाम स्थापित कर रहे है। ऐसे ही सुनील कुमार जैसे ही बागबान लोगों के लिए प्रेरणाश्रौत बने हुए है।

पेट के लिए फायदेमंद है पिंक ताइवानी अमरुद
सर्दियों मे सबसे ज्यादा अमरुद बाजार में दिखाता है। अमरुद खाने के कई फायदे है। यह वजन घटाने में कारगर साबित होता है। सुगर मरीजों के लिए तो बेहद फायदेमंद होता है। अमरुद पाचन तंत्र के लिए लाभदायक होता है।

 

 

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